“प्रेस स्वतंत्रता दिवस: “जब पत्रकारिता ज़िंदा थी…”
प्रेस की चुप्पी, रीलों का शोर: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ट्रेंडिंग टैग बन गया। प्रेस स्वतंत्रता दिवस अब औपचारिकता बनकर रह गया है। पत्रकारिता की जगह अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स…
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प्रेस की चुप्पी, रीलों का शोर: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ट्रेंडिंग टैग बन गया। प्रेस स्वतंत्रता दिवस अब औपचारिकता बनकर रह गया है। पत्रकारिता की जगह अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स…
विश्लेषकों की राय में अमेरिकी विकास में महत्वपूर्ण मंदी है,परंतु अमेरिका में मंदी की आशंका नहीं है अमेरिकी व्यापार नीति में आए बड़े बदलाव से उत्पन्न अनिश्चितता ने बाजारों को…
“PR मैनेजमेंट के चंगुल में फंसा आज का कलमकार, मैनेजर जी रहे लग्जरी लाइफ, पत्रकार टूटी बाइक पर” आज की पत्रकारिता एक गहरे संकट से गुजर रही है, जहाँ कलमकार…
“सीमाओं से परे: देश के भीतर पलते आधे मोर्चे की साज़िश” “तीसरा युद्धक्षेत्र: जब देश का दुश्मन भीतर होता है” भारत आज दो नहीं, तीन मोर्चों पर जूझ रहा है—बाहरी…
सरकारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने, आम लोगों की आवाज़ प्रशासन तक पहुंचने में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका वर्तमान डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक,सोशल,प्रिंट मीडिया में पारदर्शिता, स्वतंत्रता,निष्पक्षता व ईमानदारी से काम…
“पूर्णम को लौटाओ: एक अजन्मे बच्चे की पहली माँग” “देश चुप है, पत्नी नहीं: एक सिपाही की वापसी की जंग” बीएसएफ़ के जवान पूर्णम साहू पिछले एक सप्ताह से पाकिस्तान…
भारत में दशकों से केवल अनुसूचित जातियों और जनजातियों की गिनती होती रही है, जबकि अन्य जातियाँ नीति निर्माण में अदृश्य रहीं। जाति जनगणना केवल गिनती नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय…
“जिन हाथों ने इस देश की इमारतें खड़ी कीं, उन्हीं हाथों को आज रोटी, छत और पहचान के लिए जूझना पड़ रहा है। दिहाड़ीदार मजदूर केवल श्रम नहीं देते, वे…
सत् विद्या यदि का चिन्ता, वराकोदर पूरणे-यदि सच्चा ज्ञान हो तो भूख मिटाने की चिंता नहीं करनी पड़ती। पृथ्वी पर बुद्धि क्षमता में सर्वश्रेष्ठ मानव योनि- विद्या, ज्ञान और कौशलता…
प्रश्न पूछने के अवसर भी आएँगे, अभी राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है। राष्ट्र सर्वोपरि। हाल की पहलगाम घटना में एक हिंदू पर्यटक को आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान…