Category: विचार

भारत-पाकिस्तान युद्ध जैसे हालातों के बीच IMF द्वारा पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का लोन – साजिश, रणनीति या सिफारिश?

भारत का आईएमएफ को कड़ा संदेश, यह पैसा पाक की अर्थव्यवस्था को सुधारने नहीं बल्कि टेरर फंडिंग में उपयोग होगा 191 सदस्यों वाले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड,भारत पाक जंग के हालातो…

प्रोपेगेंडा और झूठी ख़बरों से सतर्क रहें ….. “जब खबरें बनती हैं हथियार: युद्ध, प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज”

युद्ध के दौरान फैलाई गई झूठी खबरें न केवल सैनिकों और आम नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि समाज में भय और नफरत का भी प्रसार करती…

भारत-पाकिस्तान टकराव: भारत का ताबड़तोड़ जवाब, “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं”

विश्व की नजरें दक्षिण एशिया पर भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में खलबली- पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम सहित कई पोर्ट तबाह भारत की फाइनल पारी-पाकिस्तान पर सबसे भारी-…

“सरहद के साए में भारत के भीतर की लड़ाई”……. “जब पानी भी हथियार बन जाए: भारत की एकता पर डाका”

भारत आज बाहरी हमलों से ज़्यादा आंतरिक विघटन से जूझ रहा है। पंजाब-हरियाणा जल विवाद हो या पहलगाम आतंकी हमला—हर संकट के पीछे एक अदृश्य वैचारिक युद्ध छिपा है। जाति,…

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादियों के 9 ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठनों के हेडक्वार्टर भी शामिल थे।…

सिंदूर की सौगंध: ‘एक था पाकिस्तान’ की गूंज

“एक था पाकिस्तान” – ये केवल तीन शब्द नहीं, बल्कि इतिहास की एक गहरी दास्तां है। यह उस विभाजन का प्रतीक है, जिसने दिलों को तोड़ा और घरों को उजाड़ा।…

“सैनिकों का सम्मान: समर्पण और बलिदान की पहचान”

हमारे सैनिक, जो सीमाओं पर अपने प्राणों की बाजी लगाते हैं, हमारे असली नायक हैं। युद्ध की आशंका में लौटते सैनिकों को ट्रेन में सीट दें, सड़क पर मिलें तो…

“सोशल मीडिया पर देशविरोध का कारोबार: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?”

(पेआउट के बदले देशविरोध? अब नहीं चलेगा!) सोशल मीडिया पर ‘पेआउट’ लेकर भारत को बदनाम करने वालों की अब खैर नहीं। IT एक्ट 2000 और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021…

भगवान परशुराम जयंती: सरकार की उदासीनता चिंताजनक …

सनातन संस्कृति के प्रतीक पुरुष को शासकीय उपेक्षा क्यों? ???? लेख विशेष | आचार्य डॉ. महेन्द्र शर्मा ‘महेश’, पानीपत भगवान परशुराम—एक ऐसा तेजस्वी नाम जो केवल ब्राह्मण कुल में जन्म…

क्या किसी की भूख की तस्वीर लेना जरूरी है? “सोशल मीडिया युग में करुणा की कैद”

सोशल मीडिया के युग में भलाई और करुणा अब मौन संवेदनाएँ नहीं रहीं, वे कैमरे के फ्रेम में क़ैद होती जा रही हैं। आज अधिकांश मदद ‘लाइक्स’ और ‘फॉलोवर्स’ के…