“11 साल से सत्ता में, फिर भी रेवाड़ी प्यासा क्यों?” – ग्रामीण भारत संस्था के अध्यक्ष का तीखा प्रहार

रेवाड़ी, 29 अप्रैल 2025 – भीषण गर्मी में रेवाड़ी शहर के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि बेबस नजर आ रहे हैं। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने सोमवार को एक प्रेस बयान में इस जल संकट को लेकर तीखा सवाल खड़ा किया। उन्होंने रेवाड़ी से जुड़े सभी सांसदों, विधायकों और मंत्रियों की निष्क्रियता पर खुलकर आलोचना करते हुए कहा कि जब रेवाड़ी से सांसद, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव, और तीन विधायक—रेवाड़ी से लक्ष्मण सिंह यादव, कोसली से अनिल यादव और बावल से कृष्ण कुमार—all भाजपा के—स्वयं इसी ज़िले के निवासी हैं, तब भी पिछले 10 वर्षों से शहर को पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है।

विद्रोही ने कहा, “2 अप्रैल से शहर में जल राशनिंग लागू है, जो 28 दिन से लगातार जारी है। हर महीने लोगों को 15 से 30 दिन तक पीने के पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। यह हाल तब है जब रेवाड़ी को ‘अहीरवाल का लंदन’ कहा जाता है।”

“आश्वासन के राशन के सिवा कुछ नहीं मिला”

वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि पिछले एक दशक से भाजपा के नेताओं ने जनता को केवल आश्वासन ही दिए हैं, ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह 11 वर्षों से केंद्रीय मंत्री हैं, फिर भी रेवाड़ी में नहरी जल आपूर्ति को स्थायी समाधान देने के लिए आवश्यक जलाशयों या वाटर टैंकों के लिए जमीन तक की व्यवस्था नहीं हो सकी।

“जब सब कुछ अनुकूल है, तो फिर निष्क्रियता क्यों?”

विद्रोही ने स्पष्ट किया कि वर्तमान समय अहीरवाल क्षेत्र के लिए राजनैतिक रूप से अनुकूल है—एक ओर केंद्र में राव इंद्रजीत मंत्री हैं, वहीं प्रदेश में उनकी बेटी आरती राव मंत्री पद पर हैं। इसके अलावा तीनों विधायक भी राव समर्थक हैं। बावजूद इसके यदि पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत को भी पूरा नहीं किया जा पा रहा, तो इससे बड़ी विफलता और कोई नहीं हो सकती।

“जनप्रतिनिधियों के पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं”

उन्होंने कहा, “यदि राव इंद्रजीत सिंह और उनके समर्थक विधायक रेवाड़ी की पानी की समस्या का समाधान नहीं करवा सकते, तो उन्हें अपने पदों पर बने रहने का कोई नैतिक और लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है।” विद्रोही ने मांग की कि जल्द से जल्द रेवाड़ी में नहर आधारित जलापूर्ति योजना के लिए नई भूमि पर वाटर टैंक निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो, और यदि प्रदेश सरकार सहयोग नहीं करती, तो राव इंद्रजीत को पार्टी छोड़ने जैसा निर्णायक कदम उठाना चाहिए।

“पानी बुनियादी अधिकार है, इससे समझौता नहीं”

वेदप्रकाश विद्रोही ने अंत में कहा कि पीने का पानी कोई चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। इसे लेकर कोई समझौता या देरी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


निष्कर्ष:
रेवाड़ी की जनता अब जवाब मांग रही है—सिर्फ वादों से नहीं, ठोस समाधान से। यदि सरकार और जनप्रतिनिधि अब भी चुप हैं, तो जनता का धैर्य जवाब दे सकता है।

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