– अयोध्या से वैद्य पंडित प्रमोद कौशिक की रिपोर्ट

महेंद्र त्रिपाठी

अयोध्या। दो वर्षों से बंद पड़े अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका के दबाव में अंततः सूचना विभाग को झुकना पड़ा। करीब एक करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस वातानुकूलित मीडिया सेंटर को विभाग ने गुपचुप तरीके से खोल दिया, लेकिन अयोध्या के पत्रकारों को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। न तो कोई बैठक बुलाई गई और न ही गठित कमेटी की घोषणा की गई — जिससे एक बार फिर विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

यह याचिका प्रेस क्लब अयोध्या के अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि इस केंद्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद दो वर्षों से यह बंद पड़ा था। सूचना विभाग का तर्क था कि संचालन के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं है।

इसके पश्चात प्रेस क्लब अयोध्या के अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, सचिव के. बी. शुक्ल, उपाध्यक्ष मुकुल श्रीवास्तव और महासचिव पुनीत मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ पत्रकारों ने लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच में जनहित याचिका दायर की थी। अब जबकि सुनवाई जारी है, सूचना विभाग ने बिना सार्वजनिक सूचना के चुपचाप इस मीडिया सेंटर को खोल दिया।

विवाद की जड़ में स्थानीय राजनीति?
सूचना विभाग के अधिकारी संजय द्विवेदी, जो स्वयं अयोध्या के निवासी हैं, पर स्थानीय पत्रकारों ने पक्षपात और राजनीतिक प्रेरणा से कार्य करने का आरोप लगाया है। प्रेस क्लब के पत्रकारों को गठित कमेटी में शामिल न करना, संवादहीनता और पारदर्शिता की कमी से पत्रकारों में नाराजगी फैल गई है। पत्रकारों ने उनके तबादले की भी मांग शुरू कर दी है।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि जनहित याचिका ने एक ठोस दबाव बनाया, परंतु सूचना विभाग की कार्यप्रणाली अभी भी सवालों के घेरे में है। पत्रकारों की यह भी मांग है कि मीडिया सेंटर के सुचारू संचालन के लिए पारदर्शी और समावेशी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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