
पाक पर रणनीति से आर्थिक, सामाजिक,अंतर्राष्ट्रीय थू थू रूपी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक व सेना के तीनों अंगों की कार्यवाही एक बेहतर विकल्प हो सकता है?
आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा- अपराधियों, समर्थकों, योजनाक़ारों के खिलाफ़ कठोर निर्यात्मक कार्रवाई की प्रतिबद्धता को क्रियान्वयन का उचित समय आया
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है। इसके तहत न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि को धूमिल किया गया, बल्कि अब भारत ने सीधे आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ा वार किया है। पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के आयात-निर्यात पर प्रतिबंध, बंदरगाहों पर नो एंट्री, और डाक पार्सल सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
रणनीतिक आर्थिक प्रतिबंध
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने 2 मई 2025 को अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष या परोक्ष आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार नीति 2023 में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया कि अगले आदेश तक पाकिस्तान से कोई भी वस्तु भारत में नहीं आ सकेगी। इससे पाकिस्तान की पहले से चरमराई अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है।
बंदरगाहों पर रोक और समुद्री सुरक्षा

मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 की धारा 411 के तहत भारत सरकार ने पाकिस्तान के झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश पर रोक लगा दी है। साथ ही, भारतीय जहाजों को भी पाकिस्तान के किसी बंदरगाह पर जाने से मना कर दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा और समुद्री संप्रभुता की रक्षा के तहत लिया गया है।
डाक और पार्सल सेवाओं पर प्रतिबंध
भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले सभी डाक और पार्सल सेवाओं को निलंबित कर दिया है। यह निलंबन हवाई और ज़मीनी दोनों मार्गों पर लागू किया गया है। अब कोई भी पत्र, पार्सल या कोरियर पाकिस्तान से भारत नहीं आ सकेगा, जिससे आम नागरिकों के बीच सीमित संवाद के भी रास्ते बंद हो गए हैं।
भारत-पाक व्यापार संबंधों की स्थिति
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान व्यापार पहले ही लगभग ठप हो चुका था। फिर भी, 2024 तक सीमित मात्रा में इनडायरेक्ट ट्रेड के माध्यम से कुछ वस्तुओं का आयात-निर्यात होता रहा। भारत से पाकिस्तान को मुख्यतः दवाइयाँ, मसाले, चाय, कॉफी, और केमिकल्स भेजे जाते थे, जबकि पाकिस्तान से ड्राई फ्रूट्स, सेंधा नमक, जिप्सम, और कुछ अन्य उत्पाद भारत आते थे। 2024 में पाकिस्तान से भारत का आयात मात्र 48 लाख डॉलर रहा।
अब, 2 मई 2025 से इन सभी व्यापारिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लग चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक गतिविधियाँ
भारत द्वारा पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। जर्मनी के म्यूनिख में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में जर्मन सांसदों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने भाग लेकर आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जताया।
भारत की संभावित अगली रणनीति
अब जब भारत ने पाकिस्तान को चारों ओर से आर्थिक और कूटनीतिक रूप से घेर लिया है, तो क्या अगला कदम सर्जिकल स्ट्राइक या सेना के तीनों अंगों द्वारा समन्वित कार्रवाई हो सकता है? यह सवाल अब चर्चा का केंद्र बना हुआ है। भारत में आमजन और वरिष्ठ रणनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आतंकवाद के समर्थन में खड़े तत्वों, योजनाकारों, और उनके आकाओं को कठोर कार्रवाई द्वारा सबक सिखाने का यह सही समय है।
निष्कर्ष
आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चों पर जो सशक्त कदम उठाए हैं, वे न केवल प्रभावशाली हैं, बल्कि भविष्य की किसी भी संभावित कार्रवाई की मजबूत नींव भी हैं। आयात-निर्यात प्रतिबंध, बंदरगाहों पर रोक, और डाक सेवाएं निलंबित कर भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया है।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र