भारत को पाक़ के खिलाफ मिलट्री एक्शन की दरकार है- पूरी हुई रणनीतिक तैयारी,अब एक्शन की बारी
भारत की डिप्लोमेसी व सैन्य तैयारी, हाई लेवल मीटिंग्स, आतंकवादियों के खिलाफ रूस अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग से पाक घबराया
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

1971 के युद्ध के बाद पहली बार केंद्र सरकार ने देशभर में 7 मई 2025 को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। यह कदम भारत-पाक तनाव के चरम पर पहुंचने और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई।
रणनीतिक तैयारियां पूरी, अब एक्शन की बारी?
भारत की डिप्लोमैसी, सैन्य तैयारियां, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके हैं। रूस और अमेरिका जैसे देशों के साथ मिलकर भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मोर्चा तैयार कर चुका है, जिससे पाकिस्तान घबराया हुआ है। 5 मई की शाम को गृह मंत्रालय द्वारा सिविल मॉक ड्रिल के आदेश जारी किए गए, जो 244 जिलों में 7 मई को क्रियान्वित किए जाएंगे।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: क्या, क्यों और कैसे?

यह मॉक ड्रिल एक प्रकार की सुरक्षा पूर्वाभ्यास है, जिसमें नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें निम्नलिखित गतिविधियां प्रमुख हैं:
- एयर रेड सायरन की टेस्टिंग – हमले की चेतावनी के लिए सायरनों की जांच।
- ब्लैकआउट एक्सरसाइज – सीमावर्ती क्षेत्रों में लाइटें बंद कर दुश्मन के निशाने से बचाव।
- सिविल डिफेंस ट्रेनिंग – आम नागरिकों और स्कूली बच्चों को सुरक्षा उपायों की शिक्षा।
- कैमोफ्लाज की तैयारी – महत्वपूर्ण इमारतों और सैन्य ठिकानों को छिपाने की व्यवस्था।
- निकासी योजना (Evacuation Plan) – आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर नागरिकों की शिफ्टिंग।
युद्ध की संभावना और जनभावनाएं

देशभर में जनमानस इस समय आक्रोशित है। लोग सरकार से पाकिस्तान पर सख्त और निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पहलगाम हमले को दो सप्ताह बीत चुके हैं और जनभावनाओं का स्पष्ट संदेश है—अब सिर्फ डिप्लोमैसी नहीं, निर्णायक कार्रवाई चाहिए।
भारत ने पहले भी उरी और पुलवामा हमलों के बाद 10-12 दिनों में सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके स्पष्ट संदेश दिया था। इसी प्रकार आज भी जनता यह जानना चाहती है कि इस बार की कार्रवाई कब होगी।
धैर्य और दूरदर्शिता की जरूरत

हालांकि जनता की भावना और दबाव जायज हैं, परंतु युद्ध जैसे निर्णय में सरकार को बेहद सोच-समझकर कदम उठाना होता है। रणनीतिक दृष्टिकोण से हर एंगल पर विचार किया जा रहा है—जैसे यदि युद्ध हुआ तो पाकिस्तान का साथ देने कौन देश आएंगे? क्या चीन सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करेगा? क्या न्यूक्लियर खतरे की संभावना हो सकती है?
भारत की सैन्य तैयारी सिर्फ प्रतिक्रिया के लिए नहीं, निर्णायक विजय के लिए हो रही है। सरकार का रुख स्पष्ट है—”बदला अवश्य लिया जाएगा, पर सही समय पर।”
निष्कर्ष
7 मई 2025 को देशभर में मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि संभावित युद्ध की पूर्वसूचना की दस्तक है। भारत की रणनीतिक तैयारी अब लगभग पूर्णता की ओर है। अगर पाकिस्तान की ओर से आतंक की भाषा नहीं बदली गई, तो यह मॉक ड्रिल आगे किसी बड़े सैन्य अभियान का संकेत हो सकती है।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र