ग्रामीण भारत संस्था ने उठाए सरकार और प्रशासन पर सवाल, सफाई बजट की जांच की मांग

रेवाड़ी, 2 जून 2025। प्री-मॉनसून की हल्की बारिश ने रेवाड़ी शहर के कथित सफाई अभियान की हकीकत उजागर कर दी है। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने सोमवार को एक बयान जारी कर प्रशासन और सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए।

विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी शहर की कॉलोनियों और सड़कों पर हल्की सी बारिश के बाद ही जलभराव की स्थिति बन गई, जो यह दर्शाता है कि नालों, नालियों और पानी निकासी मार्गों की सफाई वास्तव में हुई ही नहीं। उन्होंने सवाल किया कि अगर सफाई अभियान इतना सफल था तो फिर बारिश के बाद नाले-नालियां चोक कैसे हो गईं? सीवर ओवरफ्लो क्यों हो रहे हैं? और गली-मोहल्लों में गंदगी क्यों फैली है?

उन्होंने आरोप लगाया कि सफाई अभियान का मीडिया में केवल सत्ता और पैसे के बल पर झूठा महिमामंडन किया गया, जबकि जमीन पर इसका कोई असर नहीं दिखता। विद्रोही ने कहा, “यह तथाकथित सफाई अभियान एक हवा-हवाई जुमला साबित हुआ है, जिसका जनता को कोई लाभ नहीं मिला।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार द्वारा मोनसून पूर्व सफाई के लिए भेजा गया बजट आखिर गया कहां? उन्होंने कहा कि प्री-मॉनसून बारिश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न तो रेवाड़ी और न ही हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में कोई प्रभावी सफाई अभियान चलाया गया। उनका कहना है कि सफाई का जो बजट था, वह अधिकारियों और सत्ताधारी नेताओं की जेब में चला गया, क्योंकि ज़मीन पर उसका कोई उपयोग नजर नहीं आता।

विद्रोही ने मांग की कि सफाई बजट की जांच हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि जनता का पैसा केवल प्रचार-प्रसार में न खर्च हो, बल्कि वास्तव में शहर की सफाई और जल निकासी व्यवस्था सुधारने में लगाया जाए।

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