4 जून बुधवार को पटौदी विधानसभा क्षेत्र बंद रखने का किया आह्वान
बुधवार को ही लोगों के समर्थन अथवा उपेक्षा का होगा सकेगा पटाक्षेप
फतह सिंह उजाला

पटौदी / हेली मंडी । हरियाणा प्रदेश को दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र से पहला मुख्यमंत्री देने वाला पटौदी को जिला बनाने का मुद्दा लोगों के लिए भावनात्मक मुद्दा बना हुआ है। गौर तलब है कि पटौदी से ही स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह जो कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पिता हैं । चुनाव जीत कर हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने। इसके बाद से राव परिवार और पटौदी के लोगों का एक भावनात्मक संबंध भी बना हुआ है । राजनीतिक गलियारों में पटौदी को विभिन्न राजनेताओं के द्वारा गर्व के साथ सीएम सिटी भी बुलाया जा रहा। है लेकिन अब मामला पटौदी को जिला बनाए जाने के लिए तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा में शामिल होने के बाद राव इंद्रजीत सिंह का राजनीतिक का कितना ऊंचा है, इसको भी भाजपा और शीर्ष नेतृत्व अनदेखा नहीं कर पा रहा है। राव इंद्रजीत केंद्र में मंत्री है तो उनकी पुत्री आरती सिंह राव हरियाणा सरकार में मंत्री है।
सोमवार को पटोदी जिला निर्माण कमेटी के सदस्यों में शामिल विश्व हिंदू परिषद के नेता और सरपंच एसोसिएशन जिला अध्यक्ष सरपंच अजीत यादव, पटौदी के पूर्व विधायक रामवीर सिंह, हेली मंडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजय मंगला, पूर्व पार्षद श्रीपाल चौहान, व्यापारी नेता दिनेश अग्रवाल, मनोज जी मनोज, जगदीश शर्मा सहित अन्य सक्रिय सदस्यों के द्वारा विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर बुधवार को आहूत बंद को कामयाब बनाने का आवाहन किया गया। पटौदी जिला निर्माण कमेटी और सर्व समाज के सक्रिय पदाधिकारी एवं सदस्यों के द्वारा विभिन्न बाजार मार्केट और विभिन्न व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया गया।
4 जून बुधवार को पटौदी को जिला बनाए जाने के समर्थन के लिए पूरी तरह से विभिन्न प्रकार के प्रतिष्ठान बंद रखने का आह्वान करते हुए बताया गया कि पाटोदी जिला बनाया जाना क्यों जरूरी है और इसका क्या महत्व है। जिला बनने के बाद पटौदी में ही तमाम प्रकार की सुविधा शासन प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करवाई जा सकेंगे। लोगों को सुविधाएं मिलने के साथ-साथ यहां रोजगार के अवसर भी और अधिक उपलब्ध होंगे । पटौदी को जिला बनाने की मुहिम की अगुवाई कर रहे सभी सदस्यों और लोगों के द्वारा अपनी बात को मजबूती के साथ रखते हुए आम जनमानस का समर्थन मांगा जा रहा है। अब यह तो 4 जून बुधवार को ही स्पष्ट हो सकेगा की आम जनमानस को कितना अधिक प्रेषित कर बंद को सफल बनाया जा सका? या फिर आम लोगों के द्वारा बंद को कितनी तवज्जो दी गई?