फतह सिंह उजाला 

पटौदी, 4 जून। “ज़िद के आगे जीत है”—यह चर्चित विज्ञापन अब पटौदी को जिला बनाने की जनभावना का प्रतीक बनता जा रहा है। ऐतिहासिक, भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पटौदी शहर को जिला बनाए जाने की मांग अब व्यापक जन समर्थन के साथ निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है। बुधवार को पटौदी सर्व समाज और जिला निर्माण समिति के आह्वान पर बंद के दौरान आमजन का जबरदस्त सहयोग देखने को मिला, जिसमें छोटे दुकानदार, रेहड़ी-पटरी व्यवसायी और दैनिक श्रमिकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस जनआंदोलन को बुधवार को एक और महत्वपूर्ण समर्थन तब मिला जब पटौदी बार एसोसिएशन ने पटौदी को जिला बनाए जाने की मांग का खुला समर्थन करते हुए पटौदी कोर्ट में वर्क सस्पेंड रखने का निर्णय लिया।

विधिक समुदाय ने रखा स्पष्ट और तर्कसंगत पक्ष

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट राहुल सरावत, सचिव एडवोकेट अमित यादव, उपाध्यक्ष एडवोकेट रूप सिंह सैनी, संयुक्त सचिव एडवोकेट जितेंद्र यादव, कोषाध्यक्ष एडवोकेट प्रीति गोयल, एडवोकेट पूनम यादव, सुनील शर्मा, अशोक शर्मा समेत अनेक अधिवक्ताओं ने आंदोलन को तर्कसंगत और संवैधानिक आधार पर समर्थन दिया।

वक्ताओं ने कहा कि पटौदी, न केवल भौगोलिक दृष्टि से केंद्र में स्थित है, बल्कि जनसंख्या, प्रशासनिक आवश्यकताओं और संसाधनों के हिसाब से भी जिला बनने के सभी मानकों पर खरा उतरता है। पटौदी बार एसोसिएशन पूर्व में भी अपने कार्यकाल में इस मांग को लेकर आधिकारिक समर्थन पत्र जिला निर्माण समिति को सौंप चुकी है।

पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट विशाल सिंह चौहान के कार्यकाल में भी यह मांग उठाई गई थी और तब भी समस्त अधिवक्ता समुदाय ने एकमत से इसे न्यायोचित ठहराया था।

“प्रस्तावित जिलों में पटौदी का नाम भी हो शामिल”

बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि जब हरियाणा सरकार अन्य प्रस्तावित जिलों के नामों की घोषणा कर रही है, तो पटौदी को इस सूची से बाहर रखना उचित नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रस्तावित जिलों की सूची में पटौदी का नाम भी यथाशीघ्र शामिल किया जाए

सर्व समाज और नागरिकों का मिला भारी समर्थन

पटौदी बंद के दौरान स्थानीय नागरिकों, दुकानदारों और आमजन ने पूर्ण सहयोग दिया। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह मांग केवल किसी एक संगठन की नहीं, बल्कि पटौदी की सामूहिक आकांक्षा बन चुकी है।

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