क्या फिर लौट रहा है कोरोना का डरावना दौर?- शासन प्रशासन आम जनता के सहयोग की मज़बूत चैन बनाना अति आवश्यक

वश्विक स्तरपर मास्क,सेनेंटाइजर की फ़िर आदत डलना, भीड़भाड़ वाली जगहों व किसी भी अफवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए ज़रूरी है

-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

 महाराष्ट्र गोंदिया – वैश्विक स्तर पर आज  फिर लौट रहा है कोविड-19 का भय? जून 2025 में कोरोना वायरस (कोविड-19) ने एक बार फिर दस्तक दी है। हालिया आंकड़े चौंकाने वाले हैं और यह सवाल उठने लगा है—क्या दुनिया एक और महामारी लहर की ओर बढ़ रही है? भारत में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार, प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर सतर्कता की सशक्त श्रृंखला बनानी होगी, ताकि हालात नियंत्रण से बाहर न हों।

 भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति

भारत में 7 जून 2025 तक कोविड-19 के करीब 6000 एक्टिव केस दर्ज किए जा चुके हैं। यह आंकड़ा भले ही अभी बड़ा न लगे, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।

प्रमुख बिंदु:

  • बीते 24 घंटों में 391 नए केस और 4 मौतें
  • महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में संक्रमण बढ़ा।
  • कर्नाटक में दो मौतें, गुजरात में 183 नए केस, महाराष्ट्र में 86 केस।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर सतर्क मोड में हैं और जीनोम सीक्वेंसिंग के ज़रिए संक्रमण की निगरानी कर रहे हैं।

सरकार की तैयारियाँ: एक्शन में भारत

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग बुलाई गई जिसमें एनसीडीसी, आईसीएमआर, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल और केंद्रीय अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में यह साफ किया गया कि:

  • कोविड की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
  • भारत का इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम हर संक्रमण पर निगरानी रखे हुए है।
  • यदि संक्रमण की गति बढ़ती है, तो सरकार की आपात प्रतिक्रिया प्रणाली तैयार है।

ज़रूरी एहतियात: सावधानी ही सुरक्षा

विशेषज्ञों की सलाह:

  • मास्क पहनें और सेनिटाइज़र का उपयोग करें
  • भीड़भाड़ से बचें और गलत अफवाहों पर ध्यान न दें
  • बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग विशेष सावधानी बरतें।
  • फ्लू जैसे लक्षणों पर तुरंत कोविड टेस्ट कराएं।

वैश्विक परिदृश्य: महामारी से निपटने को तैयार दुनिया

डब्लूएचओ की 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (मे 2025, जिनेवा) में ऐतिहासिक फैसला लिया गया।

भविष्य की महामारियों से लड़ने के लिए सभी देशों ने मिलकर एक समझौता अपनाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा:

“स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशिता, सहयोग और तकनीक पर निर्भर करता है।”

भारत ने डिजिटल हेल्थ आईडी, टीकाकरण ट्रैकिंग और डेटा आधारित स्वास्थ्य सेवाओं की मिसाल रखी है जो महामारी से लड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

निष्कर्ष: कोरोना की संभावित वापसी को गंभीरता से लें

यदि हम उपरोक्त तथ्यों का विश्लेषण करें तो यह स्पष्ट होता है कि कोविड-19 एक बार फिर लौटने की आहट दे रहा है। यह वह समय है जब सरकार, प्रशासन और आम जनता को मिलकर ‘एक मजबूत चैन’ बनानी होगी, जिसमें न कोई ढील हो, न लापरवाही।

एक और एक मिलकर ग्यारह बनते हैं, इसी सिद्धांत पर दुनिया को चलना होगा ताकि कोई भी महामारी, चाहे वह कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, मानवता की एकता के आगे टिक न सके।

अंतिम अपील

आइए, हम सब जागरूक, सतर्क और जिम्मेदार नागरिक बनें। मास्क, सैनिटाइज़र और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी आदतों को दोबारा अपनाएं। किसी भी अफवाह या डर का शिकार न हों, बल्कि तथ्यों और वैज्ञानिक सलाह पर भरोसा रखें।

.”सतर्क रहें, सुरक्षित रहें – यही जीवन की सबसे बड़ी समझदारी है।”

-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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