एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग सर्वे संतु निरामया यानें सभी रोग मुक्त हों
पूरे भारत में 1 लाख से अधिक स्थानों पर योग संगम सत्र आयोजन की तैयारियां,जो इसे इतिहास में सबसे बड़े समन्वित योग प्रदर्शनों में से एक बना सकता है
-एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानीं

गोंदिया महाराष्ट्र – वैश्विक स्तरपर 21 जून 2025 को 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इतिहास रचने को तैयार है। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के मूल मंत्र “सर्वे सन्तु निरामया” (अर्थात सभी रोगमुक्त हों) को साकार करने की दिशा में भारत सरकार तथा दुनिया भर के अनेक देश व्यापक स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं। इस ऐतिहासिक दिन पर भारत के विशाखापट्टनम में प्रधानमंत्री 5 लाख से अधिक लोगों के साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) सत्र का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा देशभर में 1 लाख से अधिक स्थानों पर ‘योग संगम’ आयोजित किया जाएगा, जो इसे इतिहास के सबसे बड़े समन्वित योग आयोजनों में से एक बना देगा।
योग: भारत की अमूल्य विरासत
भारत की संस्कृति और परंपरा में योग का स्थान अत्यंत उच्च है। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक समग्र शैली है। योग एक विज्ञान है, जो तन-मन-आत्मा को जोड़ने वाला माध्यम है, और आज के डिजिटल युग में यह दवा रहित चिकित्सा प्रणाली के रूप में भी लोकप्रिय हो चुका है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को 2014 में स्वीकृति मिलने के बाद 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित हुआ था। तब से यह दिन वैश्विक रूप से स्वास्थ्य, शांति और सामंजस्य का प्रतीक बन चुका है।
विशाखापट्टनम: ऐतिहासिक आयोजन का केंद्र

आयुष मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2025 का राष्ट्रीय योग समारोह आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में होगा, जहां प्रधानमंत्री 5 लाख से अधिक प्रतिभागियों के साथ CYP सत्र में भाग लेंगे। इसके साथ-साथ ‘योग आंध्र’ नामक विशेष अभियान के तहत राज्यभर में 10 लाख नियमित योग साधकों का समुदाय तैयार करने की योजना है।
इस आयोजन का उद्देश्य केवल एक दिन का आयोजन नहीं बल्कि एक दीर्घकालिक जनआंदोलन खड़ा करना है, जो हर व्यक्ति को योग से जोड़ सके।
‘योग संगम’ : समन्वय का महा-प्रदर्शन
देशभर में 1 लाख से अधिक स्थानों पर ‘योग संगम’ सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिससे यह आयोजन एक अभूतपूर्व समन्वित प्रदर्शन बन जाएगा। इन आयोजनों का उद्देश्य योग को “मैट से मैदान तक” और “जन-जन तक” पहुँचाना है।
वैश्विक सहयोग और 10 सिग्नेचर कार्यक्रम
आयुष मंत्रालय के अनुसार, अब तक 60 से अधिक देशों ने योग दिवस 2025 के आयोजन के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” थीम पर आधारित 10 सिग्नेचर कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है, जिनमें 100 दिन, 75 दिन, 50 दिन, और 25 दिन के योग अभ्यास शामिल हैं। इन आयोजनों को दिल्ली, भुवनेश्वर, नासिक और पुदुचेरी जैसे प्रमुख शहरों में सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है।
योग: जीवन जीने की कला

योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक पूर्ण जीवन दर्शन है। यह मन, शरीर और आत्मा की एकता को स्थापित करता है। सांस लेने की कला से लेकर मानसिक स्थिरता और आत्मिक शांति तक योग हर पहलू में व्यक्ति को सशक्त बनाता है।
सरकार का उद्देश्य है कि इस आयोजन से लाखों लोग योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और एक स्वस्थ, खुशहाल एवं सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण में योगदान दें।
योग दिवस की दशक यात्रा
2015 से लेकर अब तक, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने दुनिया भर में स्वास्थ्य और सौहार्द्र का अद्वितीय संदेश दिया है। पहले दिल्ली, फिर मैसूर, न्यूयॉर्क, श्रीनगर और अब विशाखापट्टनम – हर वर्ष का आयोजन भारत की सांस्कृतिक शक्ति और वैश्विक नेतृत्व का परिचायक बन चुका है।
निष्कर्ष
आज जब हम 11वें योग दिवस की ओर अग्रसर हैं, यह केवल एक उत्सव नहीं बल्कि सार्वभौमिक कल्याण की ओर बढ़ने का सामूहिक प्रयास है। ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम G-20 अध्यक्षता के स्वास्थ्य विजन से मेल खाती है और भारतीय दर्शन “सर्वे सन्तु निरामया” को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करती है।
इस विशाल आयोजन की तैयारियाँ, देश-विदेश में हो रही भागीदारी और भारत के नेतृत्व में बढ़ता योग आंदोलन यह दर्शाता है कि योग अब केवल भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक मानवता की धरोहर बन चुका है।
– संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र