– वेदप्रकाश विद्रोही ने केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह पर ठगी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए

रेवाड़ी, 17 जून 2025 | स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बेहद तीखा और तथ्यात्मक बयान जारी करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह और हरियाणा सरकार पर रेवाड़ी के भगवानपुर गांव के ग्रामीणों के साथ वादा-खिलाफी, ठगी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

विद्रोही ने कहा कि भगवानपुर गांव के ग्रामीणों को रेवाड़ी शहर की पेयजल व्यवस्था सुधारने के नाम पर यह कहकर 10 एकड़ भूमि दी गई थी कि इसके बदले गांव में 200 बेड का राजकीय सामान्य अस्पताल स्थापित किया जाएगा। लेकिन अब सरकार और जनप्रतिनिधि अपने वादे से पलटते दिखाई दे रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

“वाटर टैंक के बदले अस्पताल का वादा – अब भुलाया जा रहा है”

विद्रोही का आरोप है कि रेवाड़ी के लिए पीने के पानी की व्यवस्था हेतु भगवानपुर गांव से मुफ्त में 10 एकड़ जमीन ली गई, जिसकी वर्तमान बाज़ार कीमत लगभग ₹30 करोड़ आंकी जा रही है। बदले में स्थानीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने वादा किया था कि भगवानपुर गांव में 200 बेड का अस्पताल बनवाया जाएगा, लेकिन अब यह अस्पताल कहीं और शिफ्ट करने की योजना सामने आ रही है।

“यदि यह वादा झूठा था, तो इसे ग्रामीणों को बताना चाहिए था। यदि वादा किया और फिर मुकर गए, तो यह सीधा-सीधा धोखाधड़ी और जनता के साथ विश्वासघात है।” – वेदप्रकाश विद्रोही

“वादाखिलाफी के बाद मिलने तक से बचते हैं मंत्री”

विद्रोही ने बताया कि जब सोमवार को भगवानपुर, रामगढ़, बुडाना, बुडानी और काकोडिया गांवों के ग्रामीण एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में राव इन्द्रजीत सिंह के रेवाड़ी स्थित रामपुरा निवास पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे, तो राव साहब मुलाकात किए बिना ही दिल्ली रवाना हो गए। उन्होंने कहा:

“यह तो वही कहावत हो गई—चोरी भी और सीनाजोरी भी। जब जनता सवाल पूछने आए, तो आप भाग खड़े हों।”

“परिवार में ही स्वास्थ्य मंत्रालय – फिर भी वादा अधूरा”

विद्रोही ने एक गंभीर प्रश्न उठाते हुए कहा कि राव इन्द्रजीत सिंह जहां केंद्र में मंत्री हैं, वहीं उनकी बेटी आरती राव हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। ऐसे में यह और भी चौंकाने वाली बात है कि अपने ही क्षेत्र में अस्पताल की घोषणा को अमल में लाने में वे असफल रहे।

“जब पिता केंद्र में मंत्री और बेटी राज्य की स्वास्थ्य मंत्री होकर भी जनता से किया गया वादा पूरा न कर सकें, तो आम जनता से क्या अपेक्षा की जा सकती है?” – विद्रोही

“अगर यह धोखा नहीं, तो फिर क्या?”

विद्रोही ने अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार और उसके प्रतिनिधि वादों और जुमलों की राजनीति कर रहे हैं। भगवानपुर की 10 एकड़ जमीन को सिर्फ वोट बैंक की योजना के रूप में इस्तेमाल किया गया और अब ग्रामीणों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

उन्होंने पूछा: “जब सरकार मुफ्त में करोड़ों की जमीन लेकर उस पर किया गया वादा पूरा नहीं करती, तो इसे क्या चारसौबीसी और आपराधिक विश्वासघात नहीं कहा जाएगा?”

“भाजपा का असली चेहरा उजागर”

विद्रोही ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि—

“भाजपा केवल दिखावे की पार्टी बन चुकी है, जो जनता को ठगने और भ्रमित करने का काम करती है। अब जनता को अपने अधिकार के लिए संगठित होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना होगा।

निष्कर्ष:

भगवानपुर के ग्रामीणों के साथ हुआ यह प्रकरण न केवल प्रशासनिक लापरवाही, बल्कि सत्ता में बैठे नेताओं की कथनी और करनी के अंतर को भी उजागर करता है। यदि राव इन्द्रजीत सिंह और हरियाणा सरकार जल्द ही इस विषय पर सार्वजनिक स्थिति स्पष्ट नहीं करते और अस्पताल की योजना को अमल में नहीं लाते, तो यह मामला बड़ा जनविरोधी आंदोलन बन सकता है।

“राजनीतिक बयानबाजी से नहीं, जमीनी सच्चाई और वादों को निभाकर ही जनता का विश्वास जीता जा सकता है।”

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