सप्लीमेंट्री खत्म, पहली परीक्षा फरवरी में कंपलसरी, दूसरी मई में ऑप्शनल, अप्रैल-जून में नतीजे
परीक्षा के नए पैटर्न में छात्रों को अंकों में बेहतर सुधार का यह मौका करियर में मील का पत्थर साबित होगा
सीबीएसई 10वीं का नया पैटर्न राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुरूप, परीक्षाओं में कम तनावपूर्ण माहौल व छात्रों को सीखने के बेहतर मौके देना है
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

गोंदिया: वैश्विक स्तर पर भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर दुनियाभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविद, बुद्धिजीवी एवं विश्लेषक गहरी नजरें बनाए हुए हैं, क्योंकि यह नीति भारत की आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर बनने जा रही है।
इसी नीति के अंतर्गत इंजीनियरिंग जैसे कोर्स मातृभाषा में उपलब्ध कराना, व्यावसायिक कौशल आधारित शिक्षण और अब सीबीएसई 10वीं परीक्षा में ऐतिहासिक बदलाव जैसे कदम उठाए गए हैं। मैं, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं, गोंदिया, यह मानता हूं कि इस नीति को देश के हर राज्य को शीघ्रता से अपनाना चाहिए, क्योंकि यह नई पीढ़ी को आत्मनिर्भर, व्यावहारिक एवं नवाचारशील बनाने में सहायक होगी।
दो बार परीक्षा का मौका – छात्रों पर से दबाव कम
सीबीएसई ने ऐलान किया है कि सत्र 2025-2026 से कक्षा 10वीं की परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी।

- पहली परीक्षा फरवरी में अनिवार्य होगी
- दूसरी परीक्षा मई में वैकल्पिक होगी
- परिणाम क्रमशः अप्रैल व जून में आएंगे
इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को कम तनावपूर्ण वातावरण में बेहतर प्रदर्शन का अवसर देना है। यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होता, तो वह केवल उन्हीं विषयों की दोबारा परीक्षा दे सकता है, जिनमें वह सुधार चाहता है।
सीबीएसई कंट्रोलर की अहम बातें

- फरवरी परीक्षा हर छात्र के लिए अनिवार्य होगी
- मई परीक्षा वैकल्पिक होगी
- छात्र तीन विषयों (विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, भाषा) तक दोबारा परीक्षा दे सकते हैं
- विंटर बाउंड स्कूलों के छात्रों को किसी भी चरण में शामिल होने की छूट होगी
- आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) केवल एक बार किया जाएगा
- परीक्षा प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और छात्र-केंद्रित बनाने का प्रयास
परीक्षा का पैटर्न व संचालन प्रणाली

- दोनों चरणों का पाठ्यक्रम समान रहेगा – पूर्ण सिलेबस आधारित
- दोनों परीक्षाओं में परीक्षा केंद्र एक जैसे होंगे
- पंजीकरण के समय दोनों चरणों की फीस भरनी होगी
- बेहतर अंक वाली परीक्षा को अंतिम परिणाम माना जाएगा
- पहली परीक्षा में 3 या अधिक विषयों में अनुपस्थित छात्र दूसरी परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे
ड्राफ्ट के अनुसार संभावित तिथियाँ

- पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च 2026
- दूसरी परीक्षा: 5 मई से 20 मई 2026
सीबीएसई का उद्देश्य – परीक्षाओं से भय नहीं, सीखने में रुचि हो
इस कदम का लक्ष्य केवल अंक सुधार नहीं, बल्कि परीक्षा को सीखने का माध्यम बनाना है। एनईपी 2020 का मुख्य उद्देश्य यही है कि छात्र ज्यादा आत्मविश्वासी, नवोन्मेषी और तनाव-मुक्त होकर परीक्षा दें।
निष्कर्ष
सीबीएसई द्वारा वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की परीक्षा को वर्ष में दो बार आयोजित करना, सप्लीमेंट्री की अवधारणा को हटाकर छात्रों को सुधार का सुनहरा अवसर देना – यह न केवल परीक्षा के स्वरूप को लचीला बनाता है बल्कि छात्रों के करियर को नई दिशा देता है। यह निर्णय निश्चित रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन को जमीन पर साकार करता है।
संकलनकर्ता/लेखक:
क़र विशेषज्ञ, स्तंभकार, साहित्यकार, अंतरराष्ट्रीय लेखक, चिंतक, कवि, संगीत-माध्यम विशेषज्ञ, सीए (ATC),एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं, गोंदिया (महाराष्ट्र)