भिवाड़ी-धारूहेड़ा जल विवाद ने लिया तनावपूर्ण मोड़, टकराव की आशंका बढ़ी

रेवाड़ी, 11 जुलाई। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा है कि बुधवार-वीरवार को रेवाड़ी में हुई 92 मिमी मानसूनी वर्षा ने हरियाणा सरकार की सफाई व्यवस्था और जल निकासी के दावों की पोल खोल दी है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि रेवाड़ी शहर सहित बावल, धारूहेड़ा, कोसली कस्बों और जिले के अधिकांश गांवों की हालत यह वर्षा देखकर स्पष्ट हो गई है कि भाजपा सरकार ने विगत 11 वर्षों में नागरिक सुविधाओं के नाम पर केवल भ्रष्टाचार और झूठे दावे किए हैं।

उन्होंने कहा कि सड़कों, गलियों और मोहल्लों का तालाब में तब्दील होना दर्शाता है कि विकास के नाम पर घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग हुआ है और भ्रष्टाचार की गंगोत्री भाजपा शासन में बेरोकटोक बह रही है। “भाजपा का विकास अब सड़कों पर तैरता दिख रहा है,” विद्रोही ने कटाक्ष किया।

धारूहेड़ा और भिवाड़ी में पानी बना संघर्ष का कारण

विद्रोही ने चेताया कि रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा और राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र के बीच अब रसायनयुक्त प्रदूषित पानी को लेकर टकराव की स्थिति बनती जा रही है। उन्होंने बताया कि भिवाड़ी की फैक्ट्रियों से निकलने वाला जहरीला पानी पिछले एक दशक से धारूहेड़ा और आसपास के 20-25 गांवों के भूजल को प्रदूषित कर रहा है, जिससे खेती और जनस्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।

हालांकि रेवाड़ी प्रशासन ने इस गंदे पानी को रोकने के लिए भिवाड़ी सीमा पर एक रैंप बनाया था, परंतु राजस्थान प्रशासन और भिवाड़ी के स्थानीय लोग इसे तोड़कर फिर से जहरीला पानी धारूहेड़ा की ओर भेज रहे हैं। अब मानसून की बारिश के चलते यह समस्या और विकराल हो गई है। “स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दोनों कस्बों के लोग आमने-सामने आ गए हैं और संघर्ष की आशंका बन गई है,” विद्रोही ने कहा।

सरकारों की निष्क्रियता और जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल

वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि यदि इस स्थिति के लिए भाजपा सरकारें जिम्मेदार नहीं हैं तो कौन है? राजस्थान और हरियाणा की सरकारें पिछले दस वर्षों से इस गंभीर समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल सकीं। उन्होंने दोनों राज्यों के भाजपा सांसदों और विधायकों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे समाधान की बजाय जनता को भड़का रहे हैं और हालात को और भी तनावपूर्ण बना रहे हैं।

“जनता भुगत रही है, और सरकारें जुमलेबाजी में लगी हैं,” विद्रोही ने कहा। उन्होंने मांग की कि इस समस्या का तत्काल समाधान निकाला जाए और दोनों राज्यों की सरकारें मिलकर एक स्थायी जल प्रबंधन व्यवस्था लागू करें, ताकि लोगों का जीवन और स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।

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