आतंकवाद के वित्तपोषण में सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग और ऑनलाइन मार्केटप्लेस की भूमिका उजागर
टेरर फंडिंग में सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए धन एकत्रित होने का एफएटीएफ रिपोर्ट में खुलासा
आतंकवाद को जड़ से मिटाने उसके वित्तपोषण को रोकने का स्थाई समाधान ढूंढना वर्तमान समय की मांग
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

गोंदिया महाराष्ट्र-वैश्विक स्तरपर एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) द्वारा हाल ही में जारी ‘कम्प्रेहैन्सिव अपडेट ऑन टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क्स’ रिपोर्ट में टेरर फंडिंग के आधुनिक व डिजिटल तरीकों का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स, ऑनलाइन मार्केटप्लेस जैसे डिजिटल माध्यमों से आतंकी संगठनों द्वारा धन जुटाए जाने के गंभीर संकेत सामने आए हैं।
आतंकवाद का स्थायी समाधान: वित्तपोषण पर लगे विराम
गोंदिया (महाराष्ट्र) से एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी का स्पष्ट मत है कि आतंकवाद के उन्मूलन के लिए उसका वित्तीय स्रोत रोकना सबसे पहली और अहम प्राथमिकता होनी चाहिए। भारत समेत कई देश आतंकवाद से पीड़ित हैं, और जब तक आतंकवादियों की फंडिंग नहीं रुकेगी, तब तक यह वैश्विक समस्या खत्म नहीं होगी।
एफएटीएफ रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

- परंपरागत और डिजिटल फंडिंग के माध्यम
- नकद लेन-देन, हवाला और अन्य अनौपचारिक पद्धतियाँ।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स: सोशल मीडिया, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी, ऑनलाइन गेमिंग से ट्रांजैक्शन।
- आपराधिक गतिविधियों से फंडिंग
- जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, ड्रग्स तस्करी।
- सोना, लकड़ी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अवैध व्यापार।
- कानूनी संस्थाओं का दुरुपयोग
- फर्जी कंपनियों के जरिए धन का हेरफेर।
- NGO व गैर-लाभकारी संस्थाओं से फंड डायवर्ट कर आतंकवाद में इस्तेमाल।
एफएटीएफ की प्रमुख सिफारिशें

- जोखिम संकेतकों की निगरानी
जैसे बार-बार उच्च जोखिम वाले देशों को धन भेजना, वर्चुअल असेट्स और प्रीपेड कार्ड्स का गुप्त उपयोग। - बहुपक्षीय वैश्विक सहयोग
आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र और FATF की संयुक्त कार्ययोजना जरूरी। - सोशल मीडिया के खतरों से निपटना
पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी से सोशल मीडिया व मैसेजिंग ऐप्स के जरिए होने वाली फंडिंग पर लगाम लगाना।
टेरर फंडिंग के पीछे छिपे कारक
- छोटे आतंकी संगठन व लो-कॉस्ट टेरर
- असुरक्षित सीमाएं, खासकर अफ्रीका और दक्षिण एशिया में
- कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को राज्य-स्तरीय समर्थन
- कमजोर मुक्त व्यापार क्षेत्र और कमजोर निगरानी प्रणाली
‘नो मनी फॉर टेरर’ – समय की मांग
टेरर फंडिंग खत्म किए बिना आतंकवाद का अंत असंभव है। आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है:
- वैश्विक रणनीति के तहत टेरर फंडिंग को रोकना।
- हर राष्ट्र की एकजुटता से ‘नो मनी फॉर टेरर’ मिशन को मजबूत करना।
निष्कर्ष: फंडिंग के स्रोत को खत्म करना ही स्थाई समाधान
एफएटीएफ की रिपोर्ट ने एक बार फिर दुनिया को आगाह किया है कि आतंकवाद का अस्तित्व केवल बंदूक या बारूद से नहीं, बल्कि धन के स्रोतों से है। जब तक टेरर फंडिंग के डिजिटल और पारंपरिक रास्तों को बंद नहीं किया जाएगा, तब तक आतंकी नेटवर्क फलते-फूलते रहेंगे।
संकलनकर्ता लेखक: एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
(विशेषज्ञ स्तंभकार, अंतरराष्ट्रीय चिंतक, साहित्यकार, कवि, सीए (एटीसी), गोंदिया, महाराष्ट्र)