स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान ग्रामीण भारत संस्था के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने उठाया जनभावना का मुद्दा
फ्री में ज़मीन देने वाले ग्रामीण राव तुलाराम के नाम पर नामकरण की मांग को लेकर बैठे धरने पर
विद्रोही बोले – भाजपा अपने साम्प्रदायिक एजेंडे के तहत कर रही है ऐतिहासिक विरासत की अनदेखी

कोरियावास (नारनौल)/ रेवाड़ी, 17 जुलाई 2025 – हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के कोरियावास स्थित मेडिकल कॉलेज के दौरे के दौरान उस समय माहौल गरमा गया जब ग्रामीण भारत संस्था के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने उनसे तीखा सवाल दागा। विद्रोही ने मंत्री से पूछा कि जब वह अपने परदादा और अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी राव तुलाराम के नाम पर इस मेडिकल कॉलेज का नामकरण करवाने में असमर्थ हैं, तो फिर कॉलेज का आधारभूत ढांचा मजबूत करने में कितनी सफलता हासिल कर पाएंगी?
विद्रोही ने कहा कि जिस जमीन पर यह मेडिकल कॉलेज बन रहा है, वह ग्रामवासियों द्वारा मुफ्त में दी गई थी, और उन्हीं ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है कि इस संस्थान का नाम राव तुलाराम के नाम पर रखा जाए। इसके लिए लोग धरने पर बैठे हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री आरती राव – जो कि पिता-पुत्री हैं – अपने ही पूर्वज को यह सम्मान दिलाने में विफल रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री जनता की इस लोकतांत्रिक मांग की लगातार उपेक्षा कर रहे हैं। विद्रोही ने तंज कसते हुए कहा, “यह प्रमाण है कि यह पिता-पुत्री की जोड़ी राजनीतिक रूप से इतनी कमजोर है कि अपने परदादा राव तुलाराम को भी भाजपा सरकार में उचित सम्मान नहीं दिलवा पा रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि अब तक यह आरोप लगता रहा कि भाजपा नेता अभय सिंह यादव इस नामकरण में बाधा डाल रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने भी सार्वजनिक रूप से राव तुलाराम के नाम पर कॉलेज का नाम रखने का समर्थन कर दिया है।
ऐसे में विद्रोही ने सवाल उठाया कि जब भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों के स्थानीय नेता इस नामकरण के पक्ष में हैं, तो फिर सरकार इस निर्णय को अमलीजामा क्यों नहीं पहनाती?
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी “मनुवादी और साम्प्रदायिक सोच” के तहत इस मेडिकल कॉलेज को पौराणिक पात्र च्यवन ऋषि के नाम से जोड़कर रखना चाहती है। यह कदम पिछड़े और दलित वर्ग के प्रति भाजपा-संघ की सोच को उजागर करता है।