रेवाड़ी शहर देशभर में 232 पायदान फिसलकर 490वें स्थान पर पहुंच गया

— “फोटो इवेंट से नहीं, व्यवस्था सुधारने से आएगी सफाई”

रेवाड़ी, 18 जुलाई 2025। स्वच्छता के राष्ट्रीय स्तर पर जारी ताज़ा आंकड़ों में रेवाड़ी शहर की रैंकिंग में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा नेताओं और स्थानीय प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी शहर देशभर में 232 पायदान फिसलकर 490वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि हरियाणा में 46 स्थान गिरकर 57वें स्थान पर आ गया है। यह गिरावट “स्वच्छता के नाम पर की जा रही दिखावटी राजनीति और फोटो इवेंट की पोल खोलती है।”

विद्रोही ने कहा, “भाजपा नेता मीडिया में फोटो खिंचवाकर झाड़ू लेकर हाथ में सफाई का दिखावा करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सफाई व्यवस्था दिन-ब-दिन बदहाल होती जा रही है। ये फोटो इवेंट असल में जनभावनाओं के साथ धोखाधड़ी है और सत्ता तथा सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करके निजी प्रचार पाने की सस्ती कोशिश है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस नौटंकी पर पहले भी सवाल खड़े किए थे, तब मीडिया ने उनकी बातों की उपेक्षा की। “मीडिया का कर्तव्य था कि वह सवाल उठाता, लेकिन उसने इस दिखावे को बढ़ावा दिया,” उन्होंने कहा।

विद्रोही ने मीडिया को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि, “पिछले 11 वर्षों से देश, हरियाणा और रेवाड़ी में मीडिया का बड़ा हिस्सा भाजपा-संघ की भक्ति में लिप्त है। विपक्ष और जनता की आवाज उठाने वाले विषयों की उपेक्षा कर मीडिया ने खुद को ‘गोदी मीडिया’ साबित कर दिया है।”

उन्होंने रेवाड़ी शहर के साथ-साथ बावल और धारूहेड़ा कस्बों में भी सफाई व्यवस्था की बदहाली पर चिंता जताई और कहा कि, “कथित स्वच्छता अभियान की पोल अब खुल चुकी है। नगर निकाय, सरकार और प्रशासन सफाई के नाम पर जनता की जेब काट रहे हैं, लेकिन नागरिक गंदगी के ढेर पर बैठने को मजबूर हैं।”

विद्रोही ने सुझाव देते हुए कहा कि स्वच्छता सिर्फ दिखावे से नहीं बल्कि ठोस कार्ययोजना और संसाधन जुटाने से आएगी। नगर निकायों में पर्याप्त सफाई कर्मचारियों की भर्ती, नियमित कचरा संग्रहण और निस्तारण की व्यवस्था, और जनजागरूकता की ज़रूरत है।

उन्होंने अंत में दोहराया कि “मीडिया को सरकार की चापलूसी छोड़कर सफाई जैसे बुनियादी मुद्दों पर सवाल उठाने चाहिए। जनता को साफ-सुथरा शहर तभी मिलेगा, जब प्रचार की जगह जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी जाएगी।”

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