
करनाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रोफेसर उमा कांजीलाल को इग्नू की कुलपति नियुक्त किया गया है। वे विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति बनने का गौरव प्राप्त कर इतिहास रचने वाली शिक्षाविद बनी हैं। उनका कार्यकाल पांच वर्षों का होगा।
इग्नू के करनाल स्थित क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. धर्म पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रो. कांजीलाल लंबे समय से इग्नू से जुड़ी हैं और कार्यवाहक कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दे रही थीं। उन्होंने 1984 में आईआईटी कानपुर में एक शोध सहायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) में कैटलॉगर और व्यावसायिक सहायक सहित कई पदों पर कार्य किया।

प्रोफेसर उमा कांजीलाल
प्रो. कांजीलाल 2003 से इग्नू में विभिन्न शैक्षणिक पदों पर कार्यरत रही हैं, जिनमें लेक्चरर से लेकर प्रोफेसर तक की जिम्मेदारियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में ई-ज्ञानकोष, साक्षात पोर्टल, एनएमईआईसीटी के तहत पुस्तकालय स्वचालन, और भारतीय राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय परियोजना जैसी कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हुई हैं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने सीईएमसीए, यूएनआरडब्ल्यूए जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सलाहकार के रूप में कार्य किया है और कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग के लिए मॉड्यूल डेवलपमेंट में भी योगदान दिया है। उनकी विशेषज्ञता ई-लर्निंग, मल्टीमीडिया कोर्सवेयर विकास, डिजिटल पुस्तकालय तथा पुस्तकालय विज्ञान में आईसीटी अनुप्रयोगों में मानी जाती है।
डॉ. धर्म पाल ने कहा कि प्रो. कांजीलाल एक दूरदर्शी शिक्षाविद और कुशल नेतृत्वकर्ता हैं, जिन्हें मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा, डिजिटल शिक्षा तथा शैक्षणिक प्रशासन का दशकों का अनुभव है। उनका मानना है कि प्रो. कांजीलाल की नियुक्ति विश्वविद्यालय को समावेशी और प्रगतिशील शिक्षा की दिशा में एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी।
इग्नू करनाल क्षेत्रीय केंद्र की पूरी टीम ने प्रो. कांजीलाल को बधाई दी है और आशा व्यक्त की है कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय का मिशन — शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाना और देशभर के दूरदराज़ क्षेत्रों तक पहुंचना — और अधिक मजबूत होगा, विशेषकर हरियाणा और उसके आगे के क्षेत्रों में।