विजय गर्ग, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, शैक्षिक स्तंभकार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य न केवल सीखने की प्रक्रिया को सरल और व्यावहारिक बनाना है, बल्कि छात्रों को 21वीं सदी के अनुरूप कौशल और ज्ञान से सुसज्जित करना भी है। नई नीति में कई ऐसे बदलाव किए गए हैं जो स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की पूरी संरचना को प्रभावित करते हैं। आइए जानते हैं इस नीति के 6 प्रमुख स्तंभ कौन-से हैं:
1. चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के साथ मल्टीपल एंट्री-एग्जिट विकल्प
NEP 2020 के तहत अब छात्र अपनी आवश्यकता और परिस्थिति के अनुसार 1, 2, 3 या 4 वर्षों के भीतर स्नातक कार्यक्रम को छोड़ सकते हैं।
- 1 वर्ष: प्रमाणपत्र
- 2 वर्ष: डिप्लोमा
- 3/4 वर्ष: स्नातक डिग्री
यह लचीलापन छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य जीवन परिस्थितियों के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर देता है।
2. नई 5+3+3+4 स्कूली संरचना
पुरानी 10+2 प्रणाली को अब 5+3+3+4 संरचना में बदला गया है, जो इस प्रकार है:
- फाउंडेशनल स्टेज (3-8 वर्ष): प्री-स्कूल + कक्षा 1-2
- प्रारंभिक चरण (8-11 वर्ष): कक्षा 3-5
- मध्य चरण (11-14 वर्ष): कक्षा 6-8
- माध्यमिक चरण (14-18 वर्ष): कक्षा 9-12
इस संरचना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के अनुसार शिक्षा देना है।
3. ‘परख’ मूल्यांकन सर्वेक्षण
NEP के तहत ‘परख’ नामक एक राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र की स्थापना की गई है, जो छात्रों की पढ़ने, लिखने और गणना जैसी मूलभूत क्षमताओं का आकलन करता है।
2024 में हुए सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों में महत्वपूर्ण सीखने की कमी देखी गई। यह केंद्र शिक्षा बोर्डों के साथ मिलकर सुधार के उपाय तैयार करता है।
4. व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण
NEP 2020 का लक्ष्य 2025 तक 50% से अधिक छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ना है। यह शिक्षा उन्हें रोजगार के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल प्रदान करेगी और ‘डिग्री बनाम स्किल’ की खाई को पाटेगी।
5. भारतीय ज्ञान परंपराओं पर आधारित पाठ्यक्रम
अब छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपराओं जैसे योग, आयुर्वेद, खगोल विज्ञान, वास्तुकला, गणित, संगीत आदि से जुड़ा पाठ्यक्रम भी पढ़ाया जाएगा। यह उन्हें अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का प्रयास है।
6. शिक्षकों के लिए न्यूनतम 4 वर्षीय बी.एड.
2030 तक शिक्षण पेशे में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता चार वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री होगी। इसमें शिक्षण प्रशिक्षण के साथ-साथ एक विशेष विषय में विशेषज्ञता भी शामिल होगी।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को वैश्विक शिक्षा पटल पर सशक्त बनाने की दिशा में एक सुदृढ़ कदम है। यह नीति न केवल छात्रों को ज्ञान के साथ कौशल देती है, बल्कि शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षा संस्थानों को भी एक नई सोच के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।