Category: हिसार

हरियाणा पुलिस की हिरासत में दलित युवकों की मौतें चिंताजनक : रजत कलसन

जातिवादी मानसिकता और पुलिसिया बर्बरता पर उठे सवाल, मंगाली चौकी में युवक की संदिग्ध मौत पर बवाल हिसार, 24 जुलाई। हरियाणा पुलिस एक बार फिर अनुसूचित जाति (एससी) समाज के…

पत्नी की याद में 25000 /-रुपए दान किए प्रो डांग ने …..

हिसार। जुलाई 24. – वरिष्ठ नागरिकों की संस्था वानप्रस्थ के महासचिव प्रो : जे के डांग ने अपनी स्वर्गीय पत्नी संतोष डांग की याद में संस्था को 25000 /- रुपए…

युवा देश, वृद्ध नेतृत्व : क्या लोकतंत्र में उम्र जनादेश से बड़ी है?

प्रियंका सौरभ भारत आज संसार का सबसे युवा देश है। हमारी जनसंख्या का लगभग पैंसठ प्रतिशत भाग पैंतीस वर्ष से कम आयु का है। यही युवा भारत की शक्ति है,…

मुंबई हाईकोर्ट का फैसला : न्यायिक व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न

आतंकवादियों को बरी किए जाने से पीड़ित परिवारों को गहरा आघात, जांच व अभियोजन की विफलता उजागर – सुरेश गोयल ‘धूप वाला’पूर्व जिला महामंत्री, भाजपा – हिसार बॉम्बे उच्च न्यायालय…

आरटीआई-2005 एक्ट के तहत सूचना देने से कतरा रहे हैं सिरसा के जिला रोजगार अधिकारी – नरेश गुणपाल

हिसार, 21 जुलाई। आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश गुणपाल ने आरोप लगाया है कि सिरसा जिला रोजगार कार्यालय में कार्यरत जिला रोजगार अधिकारी दिनेश जांगड़ा, मंडल रोजगार अधिकारी हिसार द्वारा प्रथम अपील…

(जब शिक्षा डर बन जाए) : डिग्रियों की दौड़ में दम तोड़ते सपने, संभावनाओं की कब्रगाह बनते संस्थान !

संस्थाएं डिग्रियां नहीं, ज़िंदगियां दें — तभी शिक्षा का अर्थ है भारत में शिक्षा संस्थान अब केवल डिग्रियों की फैक्ट्री बनते जा रहे हैं, जहां बच्चों की संभावनाएं और संवेदनाएं…

“राष्ट्र सर्वोपरि की भावना – विपक्षी सोच में एक नई पहल : सुरेश गोयल”

सुरेश गोयल ‘धूप वाला’ हिसार, 21 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी नेता सुरेश गोयल ‘धूप वाला’ ने कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के हालिया बयान – “राष्ट्र सबसे ऊपर है” –…

“डेटा की दलाली और ऋण की रेलमपेल : निजी बैंकों का नया लोकतंत्र”

– प्रियंका सौरभ “नमस्ते महोदय/महोदया, क्या आप व्यक्तिगत ऋण लेना चाहेंगे?” कभी दोपहर की झपकी के बीच, कभी सभा के समय, कभी मंदिर के बाहर, तो कभी वाहन चलाते समय…

साध्वी बनने का नया ट्रेंड: त्याग की ओट में सुख का ब्रांड?

प्रियंका सौरभ बचपन में हम सुनते थे कि साध्वी वह होती है जो मोह, माया, श्रृंगार, आकर्षण और सांसारिक जिम्मेदारियों से ऊपर उठ गई हो। वह जो खुद को समर्पित…

बदन की नहीं, बुद्धि की बनाओ पहचान बहनों: अश्लीलता की रील संस्कृति पर एक सवाल

“रील में न खोओ बहना, सोच को आवाज़ दो, जो तुम हो भीतर से, वही असली साज़ दो। बदन की नहीं, बुद्धि की बनाओ पहचान, यही है स्त्री की सबसे…