नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल के बीचोंबीच अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ने की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने 21 जुलाई 2025 को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

धनखड़ ने कहा कि चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने यह निर्णय लिया है ताकि वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें। बताया जा रहा है कि हाल ही में दिल्ली में वे बेहोश हो गए थे और एम्स में उनकी एंजियोप्लास्टी भी की गई थी। इन घटनाओं के बाद से उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही थी।

हालांकि विपक्ष ने इस इस्तीफे को सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से जोड़ने पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि हाल ही में न्यायपालिका पर की गई उनकी टिप्पणियां, सत्तारूढ़ दल की बैठकों में मंत्रियों की अनुपस्थिति और संसद की कार्यवाही को लेकर उपजे टकराव भी इस फैसले के पीछे हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें जनसेवा में योगदान के लिए धन्यवाद दिया और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मू ने भी उनके कार्यकाल की सराहना की।

अब उपराष्ट्रपति पद के लिए नए नामों की चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि निर्वाचन आयोग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन आगामी कुछ दिनों में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। ऐसे में आगामी मानसून सत्र की कार्यवाही अब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के नेतृत्व में चल सकती है।

धनखड़ का यह इस्तीफा न केवल संवैधानिक बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देखना होगा कि आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया किन नए समीकरणों को जन्म देती है।

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