Category: देश

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप खत्री को मिलेगा ‘कानूनी सेवा सम्मान’

नई दिल्ली, प्रमोद कौशिक 26 जुलाई : रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यकारी पदाधिकारी अधिवक्ता प्रदीप खत्री को उनकी दीर्घकालिक और पारदर्शी कानूनी सेवाओं के लिए 25वें उन्नत भारत सेवाश्री…

हरियाली तीज: परंपरा की जड़ें और आधुनिकता की डालियाँ

हरियाली तीज केवल श्रृंगार, झूला और व्रत का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय स्त्री के आत्मबल, प्रेम और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। आधुनिकता की दौड़ में यह त्योहार भले…

नई शिक्षा नीति 2020: शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव की ओर एक बड़ा कदम

विजय गर्ग, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, शैक्षिक स्तंभकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य न…

लोकतंत्र या“लोकतंतर”-एक त्रुटि मात्र या गंभीर असावधानी?

-संसद परिसर में बैनर पर हुई स्पेलिंग मिस्टेक से छिड़ी नई बहस एक शब्द, एक भूल और बहस का विस्फोट संसद परिसर में आयोजित लोकतंत्र बचाओ आंदोलन के बैनर पर…

साइबर ठगी का ग्लोबल इकोसिस्टम कंबोडिया में 150 भारतीय सहित तीन हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी से उजागर हुई सच्चाई ……

अभिमनोज / वरिष्ठ पत्रकार एवं साइबर विधि के अध्येता साइबर ठगी अब किसी गली-मुहल्ले में बैठे दो-चार लोगों का धंधा नहीं रहा। यह अपराध 21वीं सदी की सबसे संगठित और…

गिरती छतें, गिरती ज़मीर: झालावाड़ हादसा और हमारी व्यवस्था की नींव में छुपी मौत

प्रियंका सौरभ राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से मासूम बच्चों की मौत हो गई। इसे कुछ लोग “हादसा” कहेंगे, लेकिन असल में यह एक व्यवस्थागत…

विचार का क्षरण: भाषा, चिंतन और अभिव्यक्ति का संकट

विजय गर्ग आज हम तकनीकी रूप से सबसे अधिक जुड़े हुए युग में हैं, परंतु दुखद irony यह है कि हम अपने भीतर के सबसे मौलिक मानवीय गुणों से तेजी…

प्रो. उमा कांजीलाल बनीं इग्नू की पहली महिला कुलपति: डॉ. धर्म पाल

करनाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रोफेसर उमा कांजीलाल को इग्नू…

मुंबई में वर्ष 2006 में हुए लोकल ट्रेन धमाके : जब गुनहगार छूटते हैं और पीड़ित रह जाते हैं

2006 के मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों में लगभग 189 लोगों की जान गई। लगभग 19 वर्षों तक चले मुकदमे के बाद जब उच्चतम न्यायालय ने सबूतों के अभाव में 12…

कमजोर पासवर्ड बनीं साइबर हमलों की खुली दावत, एक-तिहाई कंपनियां चुपचाप फिरौती दे देती ! 

– अभिमनोज / वरिष्ठ पत्रकार एवं साइबर विधि के अध्येता आसान पासवर्ड वह कमजोर कड़ी है, जिसने कई कंपनियों को साइबर हमलों के बाद बर्बादी की कगार पर पहुँचा दिया…