Category: देश

साध्वी बनने का नया ट्रेंड: त्याग की ओट में सुख का ब्रांड?

प्रियंका सौरभ बचपन में हम सुनते थे कि साध्वी वह होती है जो मोह, माया, श्रृंगार, आकर्षण और सांसारिक जिम्मेदारियों से ऊपर उठ गई हो। वह जो खुद को समर्पित…

परीक्षा प्रणाली या ‘सामाजिक भ्रमजाल’?

✍️ विजय गर्गसेवानिवृत्त प्रिंसिपल, मलोट (पंजाब) शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला माना गया है। यह व्यक्ति के ज्ञान, विवेक, सृजनात्मकता और व्यक्तित्व विकास का माध्यम रही है। किंतु आज…

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एपस्टीन मामले पर अपने ही समर्थकों से घिरे ……..

-क्लाइंट लिस्ट में नाम शामिल होने का संदेह-चुनावी वादा पूरा न करने पर समर्थक भड़के एलन मस्क का आरोप – ट्रंप एपस्टीन की क्लाइंट लिस्ट में शामिल, इसलिए एफबीआई और…

साइबर युग का न्याय: अदालतें कैसे बना रही हैं गोपनीयता, सुरक्षा और संविधान के बीच पुल?

– अभिमनोज हम एक ऐसे दौर में हैं जहाँ हमारा संवाद अब सिर्फ़ आवाज़ नहीं, बल्कि डेटा है. अपराध दीवारों के भीतर नहीं, बल्कि स्क्रीन के पीछे हो रहे हैं.…

अब सिर्फ कारोबारी हैं ट्रंप ……

– विजय गर्ग कभी अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के वक्त डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वे तमाम युद्धों को बंद करवा देंगे। लेकिन समय के साथ वादे बदलते गये…

सरकार का निशाना – समोसा, जलेबी, कचौरी नहीं, बल्कि इन खाद्य पदार्थों में छिपी अतिरिक्त चीनी और तेल से जुड़ी जागरूकता

सभी मंत्रालयों, विभागों, स्वायतः संस्थानों को निर्देश जारी-समोसा कचोरी फ्रेंच फ्राइज इत्यादि में कितना तेल व शुगर है, बोर्ड लगाकर दर्शाएं भारत में जीवनशैली से जुड़ी तेजी से बढ़ती बीमारियों…

 पत्रकार, सोशल मीडिया और संविधान ………..  असहमति की आवाज़ क्या अब अपराध है? 

– अभिमनोज भारतीय लोकतंत्र की आत्मा उसकी अभिव्यक्ति में बसती है — वह अभिव्यक्ति जो सत्ता से प्रश्न करती है, समाज को जागरूक बनाती है, और जनता के पक्ष में…

बदन की नहीं, बुद्धि की बनाओ पहचान बहनों: अश्लीलता की रील संस्कृति पर एक सवाल

“रील में न खोओ बहना, सोच को आवाज़ दो, जो तुम हो भीतर से, वही असली साज़ दो। बदन की नहीं, बुद्धि की बनाओ पहचान, यही है स्त्री की सबसे…

विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस 17 जुलाई 2025-

न्याय जवाबदेही और मानव अधिकारों के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता का प्रतीक है दुनियाँ की सरकारें प्रण करें:- अन्याय के नए रूपों को विफ़ल करेंगे, न्यायिक संस्थाओं को मज़बूत करेंगे व…

विशेष आवश्यकताओं की समझ: गरिमा और करुणा के साथ भिन्नताओं को अपनाना

लेखिका नरिंदर कौर …………… संस्थापक, सुरताज स्पेशल चिल्ड्रन फाउंडेशन हर बच्चे के भीतर एक चिंगारी होती है, जो पोषण पाने की प्रतीक्षा करती है। कुछ बच्चों के लिए, यह चिंगारी…