Category: देश

मोबाइल की लत और विड्रॉल सिंड्रोम: बच्चों को दे रही तनाव की सौगात

मोबाइल की बढ़ती लत ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। विड्रॉल सिंड्रोम के तहत बच्चे मोबाइल से दूर होने पर गुस्सा, चिड़चिड़ापन, नींद की…

मिलावट: मुंह में नहीं, ज़मीर में घुला ज़हर

मिलावट अब केवल खाने-पीने तक सीमित नहीं रही, यह हमारे सोच, संबंध, और व्यवस्था तक में घुल चुकी है। मूँगफली में पत्थर हो या दूध में डिटर्जेंट, यह मुनाफाखोरी की…

विश्व नेत्रदान दिवस 10 जून 2025 पर विशेष: नेत्रदान – मरकर भी जिंदा रहने का अनमोल वरदान

नेत्रदान मर के भी जिंदा रहने का अनमोल वरदान है आओ अपनी आंखें दान करने का संकल्प लेकर, अपनी जिंदगी के बाद दूसरों की दुनियाँ रोशन करें-आत्मा की खिड़की रूपी…

योग क्या होता है ………… धर्म की व्यवस्था के साथ एक व्यंग्य

आचार्य डॉ महेन्द्र शर्मा ‘महेश’ श्री मद्भगवदगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने 18 योगों का वर्णन किया है जिनमें प्रमुखता ज्ञान योग, भक्ति योग, कर्म योग संन्यास योग , कर्म योग,…

कोरोना वायरस (जून 2025): फिर लौट रहा है डरावना दौर? भारत एक्शन में, सतर्कता है सर्वोपरि!

क्या फिर लौट रहा है कोरोना का डरावना दौर?- शासन प्रशासन आम जनता के सहयोग की मज़बूत चैन बनाना अति आवश्यक वश्विक स्तरपर मास्क,सेनेंटाइजर की फ़िर आदत डलना, भीड़भाड़ वाली…

पुरस्कारों का सौदा: साहित्य के बाज़ार में बिकती संवेदनाएं

साहित्य आज साधना नहीं, सौदेबाज़ी का बाज़ार बनता जा रहा है। नकली संस्थाएं ₹1000-₹2500 लेकर ‘राष्ट्रीय’ और ‘अंतरराष्ट्रीय’ पुरस्कार बांट रही हैं। यह केवल साहित्य नहीं, भाषा की भी हत्या…

ज़ब सईंयाँ भए कोतवाल, अब डर काहे का?

भारत की वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस मुहिम को झटका?–पाकिस्तान को UNSC की आतंकवादरोधी समिति का उपाध्यक्ष और तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष बनाया गया! पाक को संयुक्त राष्ट्र…

किताबी ज्ञान बनाम व्यवहारिक ज्ञान: शिक्षा का असली अर्थ क्या है?

किताबी ज्ञान बनाम व्यवहारिक ज्ञान तुम तो पढ़े लिखे हो! हम तो ठहरे अनपढ़! व्यंग्य – व्यवहारिक शिक्षा और ज्ञान में परिपक्व व्यक्तियों द्वारा किताबी शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों पर तानों…

इतिहास की परछाइयों में स्त्री: संस्कृति और सभ्यता का एक नया पाठ

राखीगढ़ी: भारत की स्त्री-केंद्रित सभ्यता की झलक हरियाणा स्थित राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है, जहाँ से मिले 4600 साल पुराने महिला कंकाल, शंख की चूड़ियाँ और ताम्र…

“पिछले साल के पौधे भी देखे क्या?”

हर वर्ष ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर हम पौधे लगाते हैं, फोटो खिंचवाते हैं, लेकिन एक प्रश्न अनदेखा रह जाता है — क्या पिछले साल लगाए पौधे अभी भी जीवित हैं?…