Category: देश

साहिब खसम हमारे: जब राजनीति ने सिंदूर से सीमा लांघ दी

आचार्य डॉ. महेन्द्र शर्मा देश की राजनीति में इन दिनों जो कुछ हो रहा है, वह केवल आश्चर्यजनक ही नहीं, बल्कि गहराई से चिंतन योग्य भी है। विगत दिनों एक…

5 जून पर्यावरण दिवस विशेष : “विकास बनाम विनाश: कुदरत के सबक को कब पढ़ेगा इंसान?”

पाँच साल पहले कोविड-19 लॉकडाउन ने जहां दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोरा, वहीं पर्यावरण को राहत दी। वायु प्रदूषण, ग्रीनहाउस गैसों और औद्योगिक उत्सर्जन में गिरावट ने साबित किया कि…

वैश्विक मुखिया बनने की चीन की चाहत: अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन की स्थापना…

ग्लोबल साउथ का लीङर बनने की फिराक में चीन-संयुक्त राष्ट्र व अमेरिका को चुनौती देने के मूड में चीन चीन अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के बजाय पहले भारत फिलिपींस वियतनाम…

बीजेपी द्वारा सिंदूर का प्रचार: नैतिक जिम्मेदारी या नैतिक पतन?

भारत सारथि / ऋषि प्रकाश कौशिक 30 मई 2025, गुरुग्राम – पहलगाम की वादियों में हाल ही में घटी आतंकवादी घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमारे…

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई 2025 – जागरूकता के साथ कानूनी सख़्ती की आवश्यकता

तंबाकू उद्योग की दखल से,भविष्य के नेतृत्व बच्चों की रक्षा करना समय की मांग तंबाकू निषेध जनजागरण के दिन अब लद गए,अब तंबाकू विक्रेता व सेवनकर्ता दोनों पर राष्ट्रीय सुरक्षा…

कलम की बेटियाँ: आवाज़ें जो कुचली नहीं जा सकतीं

(पत्रकारिता दिवस पर महिला पत्रकारों के संघर्ष और अनदेखी पर आधारित विशेष लेख) -प्रियंका सौरभ जब कोई स्त्री कलम उठाती है, तो वह केवल शब्द नहीं रचती—वह एक युग को…

कलम का रणघोष : पत्रकारिता का वर्तमान, संघर्ष और ज़िम्मेदारी ……

“झुकी नहीं जो कलम: लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की पुकार” “शब्दों का शस्त्र: जब सच लिखना विद्रोह बन जाए” “कलम, क्रांति और चेतना: पत्रकारिता का असली धर्म” “न बिके, न…

“कम उम्र का गुस्सा, समाज का आईना: जब बच्चे चाकू उठाने लगे”

स्कूली छात्रों द्वारा चाकू से हमले की घटनाएं बता रही हैं कि बच्चों की मासूमियत में अब गुस्सा, हिंसा और असहायता छिपी है। सोशल मीडिया, संवादहीन पालन-पोषण, और ग्लैमराइज हिंसा…

अमेरिका में छात्र वीज़ा पर रोक : सुरक्षा चिंताओं या ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का हिस्सा?….

अमेरिका की छात्र वीज़ा पर रोक-आतंकवादी या कट्टरपंथी संगठन सदस्यों के बहरूपिए छात्रों क़े आने पर रोक? या अमरीकी फर्स्ट नीति का हिस्सा? आंदोलनों,प्रदर्शनों में भाग लेने वाले वीज़ा आवेदक…

महाराणा प्रताप: स्वाभिमान का प्रतीक और स्वतंत्रता का अमर सेनानी

महाराणा प्रताप केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि भारतीय आत्मगौरव के प्रतीक थे। जब सारे राजपूत मुग़ल दरबार में झुक गए, तब प्रताप ने जंगल में रहना स्वीकार किया लेकिन दासता…