Tag: ऋषि प्रकाश कौशिक

बिना पर्ची, बिना खर्ची: सत्ता की सिफारिश और आम युवाओं की ग्रुप-सी-डी में कैद

ऋषि प्रकाश कौशिक “बिना पर्ची, बिना खर्ची” — यह नारा जितना सरल और भरोसेमंद प्रतीत होता है, असल में उतना ही छलपूर्ण और खोखला साबित हो रहा है। हाल ही…

विधायक vs अफसरशाही: हरियाणा में लोकतंत्र के भीतर उपेक्षा की नई इबारत

ऋषि प्रकाश कौशिक “जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से ऊपर होता है” — यह बयान जब हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज जैसे अनुभवी नेता की जुबान से निकलता है,…

बीजेपी द्वारा सिंदूर का प्रचार: नैतिक जिम्मेदारी या नैतिक पतन?

भारत सारथि / ऋषि प्रकाश कौशिक 30 मई 2025, गुरुग्राम – पहलगाम की वादियों में हाल ही में घटी आतंकवादी घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमारे…

साधु का स्वरूप : क्या समाज को दिशा दे रहे हैं आज के भगवाधारी?

ऋषि प्रकाश कौशिक भारत की सनातन परंपरा में साधु शब्द मात्र एक लिबास का प्रतीक नहीं, बल्कि त्याग, तपस्या, वैराग्य और समत्व की जीवंत प्रतिमा है। जिनका जीवन सांसारिक मोह…

परशुराम जयंती या प्रतिष्ठा का तमाशा ?……..धर्म और संस्कृति के नाम पर दिखावे और स्वार्थ की मंडी

ऋषि प्रकाश कौशिक भगवान परशुराम भारत की उस परंपरा के प्रतिनिधि हैं, जहाँ धर्म, न्याय और आत्मबल सर्वोपरि माने जाते हैं। वे ब्रह्मतेज और क्षात्रबल के अद्वितीय प्रतीक हैं। लेकिन…