Category: देश

भारत-पाक युद्ध की दस्तक? 54 वर्षों बाद 7 मई 2025 को देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आदेश

भारत को पाक़ के खिलाफ मिलट्री एक्शन की दरकार है- पूरी हुई रणनीतिक तैयारी,अब एक्शन की बारी भारत की डिप्लोमेसी व सैन्य तैयारी, हाई लेवल मीटिंग्स, आतंकवादियों के खिलाफ रूस…

“सोशल मीडिया पर देशविरोध का कारोबार: अभिव्यक्ति की आज़ादी या एजेंडा मार्केटिंग?”

(पेआउट के बदले देशविरोध? अब नहीं चलेगा!) सोशल मीडिया पर ‘पेआउट’ लेकर भारत को बदनाम करने वालों की अब खैर नहीं। IT एक्ट 2000 और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021…

कैलाश मानसरोवर यात्रा: पांच वर्षों के बाद फिर शुरू, भारत- चीन संबंधों में नई उम्मीद

कैलाश मानसरोवर यात्रा,5 वर्षों के बाद रजिस्ट्रेशन शुरू- 30 जून से 25 अगस्त 2025 तक होगी यात्रा-रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 13 मई 2025 पहलगाम तनाव के बीच मानसरोवर यात्रा, भारत…

क्या किसी की भूख की तस्वीर लेना जरूरी है? “सोशल मीडिया युग में करुणा की कैद”

सोशल मीडिया के युग में भलाई और करुणा अब मौन संवेदनाएँ नहीं रहीं, वे कैमरे के फ्रेम में क़ैद होती जा रही हैं। आज अधिकांश मदद ‘लाइक्स’ और ‘फॉलोवर्स’ के…

भारत ने पाकिस्तान को आर्थिक घेराबंदी कर दिया तगड़ा झटका: आयात-निर्यात पाबंदी, बंदरगाहों पर नो एंट्री, डाक पार्सल सेवाएं निलंबित

पाक पर रणनीति से आर्थिक, सामाजिक,अंतर्राष्ट्रीय थू थू रूपी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक व सेना के तीनों अंगों की कार्यवाही एक बेहतर विकल्प हो सकता है? आतंकवाद मानवता के…

???? श्री जानकी जयंती पर विशेष ????

वैशाख शुक्ल नवमी – 5 मई 2025प्रस्तुति: श्री गुरु शंकराचार्य पदाश्रित आचार्य डॉ. महेन्द्र शर्मा ‘महेश’ “कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वाबुद्ध्यात्मना वा प्रकृते: स्वभावात्।करोमि यद्यत्सकलं परस्मैनारायणाय समर्पयामि॥” ???? भूमिजा सीता: सहिष्णुता की…

हाईकोर्ट की याचिका के दबाव में सूचना विभाग ने खोला अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर: महेंद्र त्रिपाठी

– अयोध्या से वैद्य पंडित प्रमोद कौशिक की रिपोर्ट अयोध्या। दो वर्षों से बंद पड़े अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका के दबाव में अंततः सूचना विभाग…

“केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट”

निजी बैंक किसानों को केसीसी योजना के तहत ऋण देते समय बीमा और पॉलिसियों के नाम पर चुपचाप उनके खातों से पैसे काट लेते हैं। हाल ही में राजस्थान में…

परशुराम जयंती या प्रतिष्ठा का तमाशा ?……..धर्म और संस्कृति के नाम पर दिखावे और स्वार्थ की मंडी

ऋषि प्रकाश कौशिक भगवान परशुराम भारत की उस परंपरा के प्रतिनिधि हैं, जहाँ धर्म, न्याय और आत्मबल सर्वोपरि माने जाते हैं। वे ब्रह्मतेज और क्षात्रबल के अद्वितीय प्रतीक हैं। लेकिन…

“इतिहास का बोझ : कब तक हमारी पीढ़ियाँ झुकती रहेंगी?”

मुझे यह सोचकर पीड़ा होती है कि आज भी हमारे बच्चों को इतिहास के नाम पर मुग़ल शासकों की गाथाएँ पढ़ाई जाती हैं, जबकि चाणक्य, चित्रगुप्त और छत्रपति शिवाजी जैसे…